डोनाल्ड ट्रम्प: राजनीति, चुनाव और वैश्विक प्रभाव

डोनाल्ड ट्रम्प का नाम सुनते ही कई लोग तुरंत 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की याद कर लेते हैं। मार्केट में रियल एस्टेट से लेकर व्हाइट हाउस तक, उनका सफर काफी तीखा रहा है। अगर आप जानना चाहते हैं कि ट्रम्प ने राजनीति में कैसे कदम रखा और उनका असर आज तक क्यों महसूस किया जा रहा है, तो पढ़ते रहिए।

ट्रम्प का राजनीति में सफर

ट्रम्प ने 2015 में रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के लिए अफसर्रीडम लिया, जबकि वो पहले कभी चुनी हुई सार्वजनिक पद नहीं रखते थे। उनका प्रमुख टैगलाइन "Make America Great Again" (अमेरिका को फिर से महान बनाओ) तुरंत लोगों के दिल में जगह बना गया। कई लोग उनको असामान्य और ताज़ा विकल्प के रूप में देखते थे, जबकि विरोधी उन्हें बहुत दावेदार मानते थे। 2016 में उन्होंने हीराली क्लिंटन को हराकर इतिहास में अपना नाम दर्ज किया।

ट्रम्प के अहम फैसले और उनका असर

राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प ने कई विवादास्पद नीति लागू की। सबसे बड़ी थी इमिग्रेशन बैन, जिसमें कई मुस्लिम‑अधिकांश वाले देशों के नागरिकों को वीज़ा पर रोक लगाई गई। साथ ही उन्होंने "ट्रेड डिप्लोमैसी" के तहत चीन और मैक्सिको के साथ नई व्यापार समझौते किए, जो अमेरिकी उद्योगों में काफी बदलाव लाए। विदेश नीति में उनका रुख 'America First' बहुत स्पष्ट था, जिससे कई देशों के साथ तनाव बढ़ा, लेकिन घरेलू समर्थन भी मजबूत हुआ।

ट्रम्प की आर्थिक नीतियों ने टैक्स कटौती और डिरेगुलेशन को बढ़ावा दिया। 2017 में उन्होंने टैक्स कोड में बड़े बदलाव किए, जिससे कई बड़े कंपनियों को फायदा हुआ, जबकि मध्यम वर्ग को अलग‑अलग राय मिली। कोविड‑19 महामारी के दौरान उनका प्रबंधन बहुत ही आलोचना का कारण बना, क्योंकि वह अक्सर वैज्ञानिक सलाह को अनदेखा करते थे और खुद के सुझाव देते रहे। यह आंकड़ों में दिखता है कि उनका सपोर्ट बेस ध्रुवीकृत हो गया।

इंतजार नहीं करना पड़ेगा, उनका बाद का राजनीतिक जीवन भी रोचक है। 2020 में वो फिर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने, लेकिन जो बाइडेन को हार नहीं मिला। फिर भी उन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए, जिसने अमेरिकी राजनीति में गहरा विभाजन पैदा किया। इस दौरान कई राज्य कानूनी लड़ाइयों में फंसे, और उनके समर्थक लगातार उनके पीछे खड़े रहे।

भारत के साथ ट्रम्प का रिश्ता भी कई पहलुओं में उल्लेखनीय रहा। उन्होंने भारत‑अमेरिका वाणिज्य संबंधों को मजबूत करने की कोशिशें कीं, लेकिन इमिग्रेशन नीतियों और कुछ कूटनीतिक टकरावों ने कभी‑कभी तनाव पैदा किया। फिर भी दोनों देशों के व्यापार में बढ़ोतरी देखी गई, जो भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत था।

अगर आप ट्रम्प के बारे में गहराई से समझना चाहते हैं तो यह बात याद रखें कि उनकी राजनीति हर समय दो ध्रुवों में विभाजित रही है – कई लोग उन्हें सच्चा नेता मानते हैं, तो कुछ उन्हें अलग‑अलग विवादों का कारण देखते हैं। यह द्विपक्षीय दृष्टिकोण ही उनकी पहचान बन गया।

अंत में यही कहा जा सकता है कि डोनाल्ड ट्रम्प न सिर्फ एक राष्ट्रपति थे, बल्कि एक ब्रांड भी बन गए। उनका नाम सुनते ही लोग एक तरह की ऊर्जा, विवाद और परिवर्तन की उम्मीद या डर दोनों महसूस करते हैं। आप चाहे उनके समर्थक हों या आलोचक, यह स्पष्ट है कि उनका असर अमेरिकी राजनीति में आने वाले कई सालों तक महसूस किया जाएगा।

  • फ़र॰ 1, 2025

कश पटेल की एफबीआई निदेशक के रूप में पुष्टि की सुनवाई में विवाद - ट्रम्प के प्रति वफादारी और पिछले कार्य

कश पटेल, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एफबीआई निदेशक के लिए नामांकित हैं, ने 30 जनवरी, 2025 को सीनेट न्यायिक समिति के समक्ष विवादास्पद पुष्टि सुनवाई में गवाही दी। सुनवाई में पटेल की ट्रम्प से स्वतंत्रता और उनके पिछले कार्यों के बारे में चिंता व्यक्त की गई। डेमोक्रेटिक सदस्यों ने पटेल के बयानों पर संदेह जताया, जिसमें उनका ट्रम्प को समर्पित रिकॉर्ड और एफबीआई निदेशक के रूप में उनके इरादे शामिल थे।

और देखें