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When discussing डॉलर, आधुनिक वित्तीय प्रणाली में सबसे अधिक भरोसेमंद मुद्रा. Also known as USD, it serves as global benchmark for trade, investment, and travel.
The विदेशी मुद्रा बाजार, विभिन्न देशों की मुद्राओं का निरंतर लेन‑देन determines how the डॉलर fluctuates against rupee, euro, yen, and dozens of other currencies. हर दिन लाखों ट्रेडर्स इस बाजार में भाग लेते हैं, और उनकी गतिविधियाँ सीधे हमारे रोज़मर्रा के खर्चों को छूती हैं।
Current विनिमय दर, एक इकाई की कीमत को दूसरी इकाई में दर्शाने वाला अनुपात shows that 1 डॉलर लगभग 82 रुपये के आसपास है, पर ये संख्या आर्थिक डेटा, मौद्रिक नीतियों और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जल्दी बदल सकती है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो आयात सस्ता हो जाता है, लेकिन निर्यातियों को घाटा हो सकता है—ये दोहरा प्रभाव कई उद्योगों में दिखता है, चाहे वह खेल के अनुबंध हों या कंपनी के IPO.
डॉलर को अक्सर "सेफ‑हैवन" कहा जाता है क्योंकि आर्थिक अनिश्चितता के समय कई निवेशक इसे अपनाते हैं। यही कारण है कि निवेश, धन को वृद्धि के लक्ष्य से विभिन्न साधनों में लगाना की रणनीतियों में अमेरिकी डॉलर‑डिनोमिनेटेड बांड, स्टॉक्स या म्यूचुअल फंड शामिल होते हैं। जब डॉलर की स्थिरता बनी रहती है, तो निवेशकों को कम जोखिम और बेहतर रिटर्न की उम्मीद रहती है।
डॉलर का प्रभाव केवल वित्तीय क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। पर्यटन, शिक्षा, और यहाँ तक कि खेल पर भी इसका असर दिखता है। जब भारतीय क्रिकेटरों के कॉन्ट्रैक्ट में डॉलर में भुगतान होता है, तो विनिमय दर में बदलाव सीधे उनकी आय को बदल देता है। इसी तरह, किसी कंपनी के IPO में डॉलर‑डिनोमिनेटेड शेयरों की कीमतें निर्धारित करती हैं कि निवेशकों को कितना रिटर्न मिल सकता है।
मुद्रा स्फीति भी डॉलर से जुड़ी होती है। अगर डॉलर की कीमत स्थिर रहती है और देश की मुद्रा के मुकाबले उसका मूल्य बढ़ता है, तो आयातित वस्तुओं की कीमतें घट सकती हैं, जिससे महँगाई को कंट्रोल किया जा सकता है। इस प्रतिद्वंद्वी संबंध को समझना नीति निर्माताओं और सामान्य उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए जरूरी है।
डॉलर की स्थिरता और विश्वसनीयता कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लिए भी आधारभूत है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों, विकास निधियों, और बहुपक्षीय ऋणों में अक्सर भुगतान डॉलर में तय किया जाता है। इसलिए किसी भी विकसित या उभरते देश को अपनी आर्थिक रणनीति बनाते समय डॉलर के रुझानों को ध्यान में रखना चाहिए।
ऊपर बताए गए पहलुओं को देखते हुए, नीचे की सूची में आपको विभिन्न लेख मिलेंगे जहाँ डॉलर की भूमिका को खेल, वित्त, प्रौद्योगिकी और सामाजिक घटनाओं में दर्शाया गया है। इन लेखों को पढ़कर आप समझ पाएंगे कि दैनिक जीवन से लेकर बड़े वित्तीय फैसलों तक डॉलर कैसे प्रभाव डालता है।
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