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दिल्ली में पानी की कमी अब दम्पत्तियों की छोटी‑छोटी शिकायतों से बड़े‑बड़े आर्थिक नुकसान तक पहुँच गई है। गर्मी के मौसम में नल से जल की टपक भी बहुत कम दिखाई देती है, और कई इलाकों में वाटर टैंकर की आवाज़ सुनना आम बात बन गई है। आप भी कभी‑कभी पानी रुकने पर परेशान हुए हैं? यही कारण है कि हर कोई इस जल संकट के बारे में बात कर रहा है।
बहुत सारे कारण मिलकर इस संकट को पैदा करते हैं। सबसे पहले, बारिश के पानी को सही से संग्रहित नहीं किया जाता। शहर में बड़े‑बड़े कंक्रीट के क्षेत्र जल को सोख नहीं पाते, इसलिए बरसात के समय बहुत सारा पानी सपाट जमीन पर बह जाता है। दूसरा, पुरानी जल पाइपलाइन में लीक बहुत ज़्यादा है—हर साल लाखों लीटर पानी पाइप लीक के कारण बर्बाद हो जाता है। तीसरा, जनसंख्या बढ़ना और औद्योगिकीकरण ने पानी की मांग को दो गुना कर दिया है, जबकि जल संसाधन वही हैं। अंत में, शहर के आसपास के जलाशयों—जैसे जलकुंड और बांध—की सतह घटती जा रही है, जिससे उपलब्ध पानी कम हो रहा है।
आपके छोटे‑छोटे कदम बड़े परिवर्तन ला सकते हैं। सबसे पहले, नल खोलते ही पानी को न बहने दें; केवल तब ही चालू करें जब आपको ज़रूरत हो। शॉवर को 5‑मिनट से कम रखें और बाथटब में पानी भर कर स्नान करें, इससे 30‑40 लीटर बचते हैं। बर्तन धोते समय भी बाल्टी में पानी भर कर काम करना चाहिए, न कि नल से लगातार। घर में साफ‑सफाई के लिए झाड़ू या वैक्यूम का इस्तेमाल करें, इससे पानी बचता है।
अगर आप किराने का सामान खरीदते हैं, तो प्लास्टिक बोतल वाले पानी के बजाय पिणे योग्य फ़िल्टर वाले पिचर या घरेलू जल शोधन प्रणाली चुनें। कई शहरों में रेन वाटर हाउसिंग प्लान्स चल रहे हैं—बारिश का पानी टैंक में इकट्ठा कर इसे गार्डन या टॉयलेट में इस्तेमाल किया जा सकता है। इन छोटे‑छोटे बदलावों से न सिर्फ आपका बिल कम होगा, बल्कि पूरे समाज में पानी की बचत में मदद मिलेगी।
सरकार भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है। दिल्ली जल and सप्लाई अधिदृश्य ने नई पाइपलाइन का विस्तार किया है और लीक की मरम्मत पर तेज़ी से काम किया जा रहा है। कई क्षेत्रों में वाटर‑रिचार्ज पिट और टैंक निर्माण की योजना है, जिससे बारिश के पानी को रिचार्ज किया जा सके। आप अपने स्थानीय प्रतिनिधि या नगरपालिका से संपर्क कर इन योजनाओं की जानकारी ले सकते हैं और अपने मोहल्ले में जल संरक्षण अभियानों में भाग ले सकते हैं।
अंत में, जल संकट केवल सरकार का नहीं, हर नागरिक का दायित्व है। अगर हम सब मिलकर छोटी‑छोटी बचत की आदतें अपनाएँ और जल प्रबंधन में सक्रिय रहें, तो दिल्ली का भविष्य जल‑सुरक्षा से भरपूर हो सकता है। अब समय आ गया है, अपने घर से शुरू करें और दूसरों को भी दिखाएँ कि पानी बचाना कितना आसान और जरूरी है।
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राजधानी में जल संकट का समाधान करने की मांग की है और इसे दो दिनों के भीतर हल न करने की स्थिति में 21 जून से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की धमकी दी है। दिल्ली को हरियाणा की ओर से उसकी संचित जल मात्रा का बहुत कम हिस्सा मिल रहा है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हैं।
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