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When working with छत्त पूजा, एक प्राचीन सूर्य उपासना है जो बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में प्रमुखता से मनाई जाती है. Also known as सूर्य देवता आराधना, it उगते और डुबते सूर्य को अर्घ्य देकर जीवन में सुख‑समृद्धि की कामना करती है. इस उत्सव में भाग लेने वाले लोग चार मुख्य चरणों में स्नान, उपवास, अर्घ्य और प्रसाद की तैयारी करते हैं।
Another key figure is सूर्य देव, जिन्हें हिन्दू धर्म में ऊर्जा और प्रकाश का स्रोत माना जाता है. सूर्य देव का सम्मान छठ पूजा में विशेष रूप से अर्घ्य देने के समय में दिखता है। हर दिन दो बार सूर्य को अर्घ्य (संध्या अर्घ्य और उषसि अर्घ्य) करके भक्त अपने कर्तव्य पूरी करते हैं। यह दोहराव भक्ति और समय के साथ सामंजस्य स्थापित करता है।
छठ पूजा के दो प्रमुख अर्घ्य संध्या अर्घ्य, डूबते सूर्य को दिया जाने वाला अर्घ्य जो पानी, घी और सरसों के तेल से तैयार किया जाता है और उषसि अर्घ्य, उगते सूर्य को अर्पित करने वाला अर्घ्य है शामिल हैं। दोनों अर्घ्य में प्रयुक्त सामग्री पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक होती है, जिससे भक्त अपने मन को शांतिकर बनाते हैं।
रिवाज़ में त्रियागी, कंटे के पत्ते, कपास का धागा और कोयले से बना पवित्र बिच्छी और कसरी, पकोड़े, मोती और फल‑फूलों से सजाया गया प्रसाद का विशेष महत्व है। त्रियागी को जल में डालकर लहरों से न्योछावर किया जाता है, जबकि कसरी को सूर्य के नीचे रख कर सूर्य को अर्पित किया जाता है। इन दोनों के बिना पूजा अधूरी मानली जाती है।
क्षेत्रीय विविधताएँ भी इस उत्सव को रोचक बनाती हैं। बिहार में गंगा किनारे विशाल झीलें सजती हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में कावर्धा और वाराणसी के घाटों में अनगिनत भक्त इकट्ठा होते हैं। प्रत्येक स्थान पर अर्घ्य देने का समय थोड़ा अलग हो सकता है, परन्तु सूर्य के साथ सामंजस्य स्थापित करने की भावना एक समान रहती है। इसके अलावा, नेपाल में भी छठ पूजा को "सौर्य पावन" कहा जाता है और वही रिवाज़ पालन किए जाते हैं।
उपवास की अवधि भी अनुष्ठान का अहम हिस्सा है। भक्त 36 घंटे तक शुद्ध जल, फल और फलियों के अलावा किसी भी प्रकार के भोजन से परहेज करते हैं। इस शुद्धता का लक्ष्य शारीरिक और मानसिक शांती हासिल करना है, जिससे अर्घ्य देने के समय ऊर्जा का सर्वोत्तम प्रवाह संभव हो सके। स्नान के बाद पवित्र घास, मोटी जुत्ता और धूप में सूखे कपास के धागे पहनना भी सामान्य है, जो शुद्धता का प्रतीक होते हैं।
नीचे आपको छठ पूजा से संबंधित ताज़ा समाचार, फोटोग्राफ़, कार्यक्रम तालिका और धार्मिक टिप्स मिलेंगे। चाहे आप पहली बार इस पूजा में शामिल हो रहे हों या अनुभवी भक्त, यहाँ आपको विस्तृत गाइड, स्थानीय आयोजन की तिथि‑समय और तैयारियों की चेक‑लिस्ट मिलेगी। इस संग्रह में आप पारम्परिक रीति‑रिवाज़, आधुनिक संगठनों के सहयोग और सामाजिक पहल के बारे में भी पढ़ेंगे, जो इस पवित्र उत्सव को और भी समृद्ध बनाते हैं। आगे चलकर आप इन लेखों में छठ पूजा के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से जानेंगे, जिससे आपका अनुभव और भी सार्थक हो सके।
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