खोजने के लिए एंटर दबाएँ या बंद करने के लिए ESC दबाएँ
जब मौसम का हाल बिगड़ता है और तेज़ हवा के साथ बारिश की लहरें उठती हैं, तो हमें अक्सर "चक्रवात" शब्द सुनाई देता है। लेकिन चक्रवात वास्तव में क्या है? और भारत में यह कब‑कब आता है? चलिए, एकदम सरल भाषा में समझते हैं, ताकि आप अगले बार तैयारी कर सकें.
चक्रवात, जिसे अंग्रेजी में "Cyclone" कहा जाता है, एक बड़़ा घूर्णन वाला तुफ़ान है जो समुद्र की सतह से बनता है। जब समुद्री जल का तापमान 28°C से ऊपर हो जाता है, तो पानी वाष्प बनकर ऊपर उठता है, और हवा में तेज़ घुमाव पैदा करता है। अगर यह घुमाव पर्याप्त ताकत हासिल कर ले, तो हम इसे चक्रवात कहेंगे। चक्रवात की गति 120 km/h से 250 km/h तक हो सकती है, और इससे भारी बारिश, तूफ़ानी हवाएँ और बाढ़ जन्नत होते हैं।
भारत में चक्रवात सबसे ज़्यादा पूर्वी समुद्री तट, खासकर बंगाल की खाड़ी और भारत के दक्षिण‑पूर्वी तट पर आते हैं। अक्टूबर से दिसंबर के बीच यह सीज़न सबसे सक्रिय रहता है। उदाहरण के तौर पर 2023 में बिंदुशाल को बहुत बड़ा चक्रवात आया था, जिसने कर्नाटक के कई हिस्सों में बाढ़ भरी। 2024 में भी कई छोटे‑बड़े चक्रवातों की खबरें आईं, जिनमें लोगों को सावधानी बरतनी पड़ी।
भौगोलिक कारणों से चक्रवातों का असर ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में ज़्यादा दिखता है। अगर आप इन राज्यों में रहते हैं, तो हर साल की मौसम रिपोर्ट पर नज़र रखें। भारत मौसम विज्ञान कार्यालय (IMD) हर 3‑6 घंटे में अपडेट देता है, जिससे आप जल्दी ही तैयार हो सकते हैं।
अब सवाल है – चक्रवात के समय हमें क्या करना चाहिए?
यदि आप चक्रवात के बाद मदद चाहते हैं, तो स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। अक्सर पोस्ट ऑफिस, स्कूल या सामुदायिक केंद्र आपातकालीन आश्रय बनते हैं। इन जगहों पर पानी, भोजन और चिकित्सा सहायता मिलती है।
अंत में एक छोटा टिप: यदि आपका मोबाइल इंटरनेट कमजोर है, तो एक सिम कार्ड या पावर बैंक तैयार रखें, ताकि आप संचार बनाए रख सकें। छोटे‑छोटे कदमों से हम अपने और अपने परिवार की सुरक्षा कर सकते हैं।
चक्रवात हर साल आते‑जाते हैं, लेकिन सही जानकारी और तैयारी से नुकसान को कम किया जा सकता है। अगली बार जब मौसम रिपोर्ट में चक्रवात की चेतावनी आए, तो इसे बेधड़क तैयारियों में बदलें। सुरक्षित रहें, अपडेटेड रहें।
चेन्नई और आसपास के क्षेत्र चक्रवाती दबाव के कारण हाई अलर्ट पर हैं। बंगाल की खाड़ी में बने दबाव के चलते तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें तैयार हैं और निवासियों को घर के अंदर सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है।
और देखें