चक्रवाती दबाव के कारण चेन्नई और आसपास के क्षेत्र हाई अलर्ट पर

चक्रवाती दबाव के कारण चेन्नई और आसपास के क्षेत्र हाई अलर्ट पर

तमिलनाडु में चक्रवाती दबाव का खतरा

बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती दबाव अब चेन्नई और आसपास के क्षेत्र के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह दबाव फिलहाल चेन्नई से 490 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व में केंद्रित है और इसके उत्तर तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर पुडुचेरी और नेल्लोर के बीच से गुजरने की संभावना है। ऐसी स्थिति में, चेन्नई और उसके आसपास के क्षेत्रों के लिए हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।

मौसम की विपरीत स्थिति

तमिलनाडु के कई हिस्सों में 17 अक्टूबर को भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है, और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। इसके अलावा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएँ चलने की संभावना है। यह सभी संकेत दर्शाते हैं कि तूफान बेहद अधिक तबाही मचा सकता है।

आपदा प्रबंधन और तैयारियां

तमिलनाडु सरकार ने सभी आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा है। आपदा प्रबंधन टीमों को तैयार कर दिया गया है और राहत केंद्रों की भी व्यवस्था की जा चुकी है। नागरिकों को घर के अंदर सुरक्षित रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। आईएमडी द्वारा दी गई जानकारी और स्थानीय समाचार चैनलों से अपडेट प्राप्त करने का सुझाव भी दिया गया है।

मत्स्य विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत दी है क्योंकि समुद्री परिस्थितियाँ बेहद कठिन हो सकती हैं। यह खबर उन सभी के लिए चिंताजनक है जो इस क्षेत्र में रहते हैं या वहां काम करते हैं। सुरक्षा के मद्देनजर, सरकार ने क्षेत्र के चार उत्तरी जिलों - तिरुवल्लूर, चेन्नई, कांचीपुरम, और चेंगलपट्टू में बुधवार को स्कूलों और कॉलेजों के लिए अवकाश की घोषणा की है।

आंध्र प्रदेश में तैयारी

आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एपीएसडीएमए) ने भी भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना वाले क्षेत्रों की पहचान की है, जिसमें पश्चिम गोदावरी, एलुरु, कृष्णा और एनटीआर जिले शामिल हैं। तूफानी हवाएँ, जो तट पर 55 किमी प्रति घंटा तक पहुँच सकती हैं, से भी सावधान रहना होगा।

नागरिक सुरक्षा और चेतावनी

चेन्नई और तमिलनाडु के अन्य हिस्सों में आपातकालीन सेवाएँ हर समय तैयार रहेंगी और नागरिकों को सभी प्रकार की ज़रूरी सावधानियाँ अपनाकर अपने आप को सुरक्षित रखने की सलाह दी गई है। स्थानीय लोगों को सरकार और आपदा प्रबंधन द्वारा जारी सभी आधिकारिक सलाहों का पालन करना चाहिए। यह परिस्थितियाँ उत्तर पूर्वी मानसून की शुरुआत का भी संकेत देती हैं, जिसके कारण दक्षिणपूर्व पेनिनसुला भारत में बारिश गतिविधि बढ़ गई है।

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