खोजने के लिए एंटर दबाएँ या बंद करने के लिए ESC दबाएँ
जब हम भारत की आर्थिक ताकत की बात करते हैं, तो सबसे पहले दिमाग में GDP आता है। GDP यानी Gross Domestic Product, यानी कुल घरेलू उत्पाद। ये एक साल में देश के अंदर निर्मित सभी वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य बताता है। सरल शब्दों में, अगर आप एक साल में देश के सभी बाजारों में बेचे गए सामानों और सेवाओं की कीमत जोड़ें, तो वह ही GDP है।
GDP आँकड़े हमें आर्थिक विकास की गति बताते हैं। अगर GDP बढ़ रहा है, तो अर्थव्यवस्था ठीक चल रही है, नौकरी के अवसर बढ़ रहे हैं और लोगों की ख़रीदी शक्ति में सुधार हो रहा है। उल्टा, अगर GDP घटे, तो मंदी के संकेत मिलते हैं। इसलिए हर साल सरकार और आर्थिक विश्लेषक इस पर नज़र रखते हैं।
पिछले कुछ दशकों में भारत की GDP ने चमत्कारी वृद्धि देखी है। 1990 के दशक में आर्थिक उदारीकरण के बाद, साल‑दर‑साल GDP लगभग 6‑7 % की दर से बढ़ी। 2020 में COVID‑19 महामारी ने एक धक्का दिया, लेकिन 2021‑22 में पुनः उछाल आया और GDP लगभग 8‑9 % तक पहुँच गई। 2024‑25 वित्तीय वर्ष में मौद्रिक नीति और निवेश प्रोत्साहन के कारण अनुमानित वृद्धि 7‑8 % के बीच रहने की उम्मीद है।
GDP को दो प्रमुख तरीकों से मापते हैं – नॉमिनल (मौजूदा कीमतों पर) और रियल (मूल्य स्थिरता के साथ)। आमतौर पर मीडिया में दिखाया जाने वाला आंकड़ा नॉमिनल होता है, क्योंकि यह तुरंत समझ में आता है, लेकिन वास्तविक विकास को समझने के लिए रियल GDP देखना ज़रूरी है।
भारत की GDP पर कई चीज़ें असर डालती हैं:
इन सभी कारकों का संतुलन बने रहने पर ही GDP स्थिर और निरंतर बढ़ता है।
अगर आप इस टैग पेज पर मौजूद अन्य लेखों को देखते हैं, तो आप देखेंगे कि खेल, राजनीति, टेक आदि के भी कई अपडेट होते हैं। लेकिन जब आर्थिक निर्णय लेने की बात आती है, तो सबसे भरोसेमंद डेटा “भारत की GDP” से ही मिलता है। इस टैग को फॉलो करने से आप हर महीने के GDP अपडेट, सरकारी बजट में बदलाव, और प्रमुख आर्थिक नीतियों के बारे में तुरंत जानकारी पा सकते हैं।
आखिर में, GDP सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि देश के लोग कितना बेहतर जीवन जी रहे हैं। इसे समझना आपके रोज़मर्रा के फैसलों—जैसे घर खरीदना, करियर चुनना या निवेश करना—में मदद कर सकता है। इसलिए “भारत की GDP” टैग को फॉलो रखें और आर्थिक ट्रेंड्स से जुड़ी हर खबर पर नज़र रखें।
भारत की संसद में 22 जुलाई को बजट सत्र की शुरुआत हुई, जिसमें आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मौके पर सरकारी वित्तीय प्रदर्शन और अर्थव्यवस्था की स्थिति का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की GDP इस वित्तीय वर्ष में 6.5-7% बढ़ने की संभावना है। 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024-25 पेश होगा।
और देखें