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हर साल बजट की घड़ी बजती ही देश की आर्थिक दिशा पर नज़रें टिक जाती हैं। 2024 की इस बार भी कई नई घोषणाें और बदलाव सामने आए हैं। अगर आप जानना चाहते हैं कि आपका जेब, कर और नौकरी पर कौन‑सा असर पड़ेगा, तो पढ़ते रहें – हम इसे आसान शब्दों में तोड कर समझा रहे हैं।
सबसे पहले बात करते हैं करों की। इस बजट में व्यक्तिगत आयकर स्लैब थोड़ा हल्का किया गया, जिससे मध्य वर्ग को थोड़ा राहत मिलेगी। हमें 5 लाख तक की आय पर टैक्स फ्री स्लैब मिल गया, और 10 लाख तक की आय पर 10% की दर रखी गई। इस कदम से छोटे‑मोटे व्यवसायी और फ्रीलांसर को फायदा होगा।
डिजिटल लेन‑देनों को बढ़ावा देने के लिए इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) सेक्टर पर 5% अतिरिक्त डिस्काउंट भी दिया गया है। यानी अगर आप फ़्रीलांस या स्टार्ट‑अप चलाते हैं, तो टैक्स बिल थोड़ा हल्का होगा।
बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढाँचे पर भारी खर्च की बात हुई है। स्वास्थ्य बीमा में 5% की वृद्धि, और ग्रामीण क्षेत्रों में 1,500 नए स्वास्थ्य केंद्र खोलने की योजना है। इसका सीधा असर आपके नजदीकी अस्पताल की सुविधाओं में सुधर पर पड़ेगा।
शिक्षा में भी बड़ा बदलाव है – प्राथमिक विद्यालयों के लिए डिजिटल किट फ्री में उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे दूरस्थ छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई में मदद मिलेगी। साथ ही, तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर में राजमार्ग, रेल और हवाई अड्डे के प्रोजेक्ट्स को 8% बढ़ाया गया है। ये प्रोजेक्ट्स न केवल रोजगार बनायेंगे बल्कि वस्तुओं की कुशल डिलिवरी भी तेज़ होगी।
कृषि क्षेत्र में नई सब्सिडी और छोटे किसान के लिए फसल बीमा को अनिवार्य किया गया है। अगर आप किसान हैं, तो यह कदम आपके बीज़ से लेकर फसल तक का खर्च कम कर सकता है।
बजट में स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम को और मजबूत करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का फंड बनाया गया है। इसका मतलब है, नई तकनीकी कंपनियों को फंडिंग और इन्क्यूबेशन सेंटर्स मिलेंगे, जिससे रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
अंत में, बजट ने पर्यावरण के लिये भी कदम उठाए हैं। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और हाइड्रोजन फ़्यूल सप्लाई को 12% बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, प्लास्टिक उपयोग को कम करने के लिये कड़ा नियम लागू किया जाएगा, जिससे साफ‑सुथरा भारत बनना आसान होगा।
तो संक्षेप में, बजट सत्र 2024 में कर‑सुधार, विकास‑निवेश और पर्यावरण‑मित्र योजनाओं का तौला‑तोक मिला है। अगर आप टैक्स प्लानिंग, निवेश या नौकरी के मौके देख रहे हैं, तो इन बिंदुओं को ध्यान में रखें। बजट का असर आपकी जेब में सीधे परेगा, इसलिए अपडेटेड रहना आपके हित में है।
भारत की संसद में 22 जुलाई को बजट सत्र की शुरुआत हुई, जिसमें आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मौके पर सरकारी वित्तीय प्रदर्शन और अर्थव्यवस्था की स्थिति का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की GDP इस वित्तीय वर्ष में 6.5-7% बढ़ने की संभावना है। 23 जुलाई को केंद्रीय बजट 2024-25 पेश होगा।
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