आग दुर्घटना – क्या कर रहे हैं आप तैयार?

आजकल खबरों में लगातार आग दुर्घटनाओं की बातें आते रहती हैं। चाहे वो कारखाने में फुलझड़ी की बदबू हो या घर के किचन में छोटी सी चिंगारी, कभी‑न‑कभी सभी को इसका सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर आप सही जानकारी और आसान उपाय जानते हैं तो नुकसान कम किया जा सकता है। इस लेख में हम देखेंगे सबसे ताज़ा आग की खबरें और आपके लिए कुछ प्रैक्टिकल फायर सुरक्षा टिप्स।

हाल के प्रमुख आग दुर्घटनाएँ

पिछले एक महीने में भारत के कई बड़े शहरों में फ़ायर ने लोगों की ज़िन्दगी को हिलाकर रख दिया। दिल्ली के एक मॉल में इलेक्ट्रिक शॉर्ट से लगी आग ने दो घंटे तक धुआँ बनाये रखा, जबकि मुंबई के एक शिपिंग यार्ड में तेल के भंडारण टैंक में फटने से बड़ी धधक हुई। इन घटनाओं में सबसे आम कारण थे – रख‑रखाव की कमी, बिजली की बुजुर्गी और सुरक्षा नियमों की अनदेखी। यदि आप ऐसे स्थानों के पास रहते हैं तो नज़र रखें कि एग्जिट साइन स्पष्ट है और फायर अलार्म काम कर रहा है या नहीं।

आग से बचाव के आसान उपाय

आग लगने की स्थिति में सबसे पहले शांति बनाए रखें। अगर आप घर में हैं तो गैस वाइल्डिंग फायर को पानी से बुझाना अक्सर असर नहीं देता, लेकिन किचन में तेल की आग के लिए साबुन या बेकिंग सोडा इस्तेमाल कर सकते हैं। छोटी‑छोटी चिंगारी को तेज़ी से नज़रअंदाज़ न करें – तुरंत गैस सिलिंडर बंद कर दें और चिमनी या एग्जॉस्ट को साफ़ रखें।

किसी भी सार्वजनिक जगह में अगर फायर अलार्म बजता है तो तुरंत बाहर निकलें, लिफ्ट का इस्तेमाल न करें और हाथों में कोई भी चीज़ न रखें। एग्जिट की दिशा याद रखें, क्योंकि आपातकाल में समय सबसे बड़ा फैक्टर होता है।

घर में बेसिक फायर एक्सटिंग्विशर रखें – 2‑लिटर साइज का एक या दो यूनिट पर्याप्त है। इसे किचन, बैडरूम और लिविंग रूम में रखें और परिवार के सभी सदस्य को दिखा‑दे‑कि कैसे इस्तेमाल करना है। फायर एक्सटिंग्विशर को साल में एक बार में टेस्ट करवा लें।

अगर आप बड़े फैक्टरी या वर्कशॉप चलाते हैं तो फायर ड्रिल को महीने में कम से कम एक बार आयोजित करना अनिवार्य बनाइए। ये ड्रिल कर्मचारियों को सही एग्जिट रूट और एमरजेंसी टूल्स की जानकारी देती है। साथ ही, सभी इलेक्ट्रिकल पैनलों की नियमित जाँच करके ओवरलोड को रोकें।

इन छोटे‑छोटे कदमों से आप न सिर्फ अपनी जिंदगियों को बचा सकते हैं, बल्कि बीमा प्रीमियम भी कम हो सकता है। कई बीमा कंपनियाँ सुरक्षा उपाय अपनाने वाले ग्राहकों को छूट देती हैं।

तो अगली बार जब खबर में कोई आग दुर्घटना आए, तो घबराएँ नहीं। तैयार रहें, सही जानकारी रखें और सादे उपायों को अपनाएँ। यही सबसे बड़ा बचाव है।

  • नव॰ 16, 2024

झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड: 10 नवजात शिशुओं की मौत, मुख्यमंत्री ने की जांच समिति की घोषणा

झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में लगी भीषण आग में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है जो अग्निकांड के कारणों की जांच करेगी। हादसे में मारे गए बच्चों के परिवारों को 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

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