ABVP क्या है? इतिहास, कार्य और नई खबरें

ABVP यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारत की सबसे बड़ी छात्र‑संस्था है। यह राष्ट्रीय राजनैतिक दल बी॰आर॰सी॰ के छात्र श्रेणी का पहलू है, लेकिन खुद को राष्ट्रीय विचारधारा‑परक आंदोलन कहता है। अगर आप कॉलेज या विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं और राजनीति में रुचि रखते हैं, तो ABVP के बारे में जानना आपके लिए फायदेमंद होगा।

ABVP का इतिहास और विचारधारा

ABVP की शुरुआत 1949 में हुई, जब भारत अभी आज़ाद हुआ था और छात्रों को सामाजिक‑राजनीतिक भागीदारी की जरूरत महसूस हुई। इसका पहला मंच गोधन सिंग के नेतृत्व में बनता है, और धीरे‑धीरे संगठन का विस्तार पूरे देश में हो गया। विचारधारा के मामले में ABVP राष्ट्रीयवाद, सांस्कृतिक मूल्यों और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को महत्व देता है। यह कहता है कि भारतीय युवा को शिक्षण संस्थानों में आवाज़ देनी चाहिए और देश की समृद्धि में योगदान देना चाहिए।

समय‑समय पर ABVP ने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर पद ले रहा है—जैसे शिक्षा सुधार, राष्ट्रीय सुरक्षा, और सांस्कृतिक संरक्षण। कई बार यह सरकार की नीतियों को चुनौती भी देता है, लेकिन साथ ही कई सरकारी पहलों को भी समर्थन देता है, खासकर वे जो युवा और राष्ट्रीय हित में हों।

ABVP की प्रमुख गतिविधियाँ और वर्तमान चर्चा

ABVP के सदस्य अक्सर कैंपस में वार्षिक संगोष्ठियों, डिबेट्स और सामाजिक सेवा कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इंटर्नशिप, नौकरी मेला, और स्कीलेशन प्रोग्राम भी इनके मुख्य कामों में से हैं। साथ ही, ABVP विभिन्न छात्र‑संस्था चुनावों में सक्रिय रूप से भाग लेता है और कई बार प्रमुख छात्र प्रतिनिधियों को अपने पदों पर रखता है।

पिछले कुछ महीनों में ABVP को कई बार मीडिया में देखा गया। कुछ प्रमुख खबरें हैं:

  • कैंपस में प्रीति-विवाद के दौरान ABVP ने राष्ट्रीयवादी रुख दिखाते हुए सरकार की नई शिक्षा नीति का समर्थन किया।
  • किशोरावस्था में ड्रग्स की समस्या को लेकर ABVP ने कई जागरूकता अभियानों का संचालन किया, जिसमें छात्रों को मुफ्त कंसल्टेशन और हेल्पलाइन नंबर दिए गए।
  • कुछ राजनैतिक विरोधों में ABVP ने अपनी स्थिति स्पष्ट की, जिससे सामाजिक मीडिया पर चर्चा बढ़ी।

इन गतिविधियों से स्पष्ट है कि ABVP अब सिर्फ एक छात्र समूह नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मंच बन गया है जहाँ युवा अपने विचारों को सेना, सरकार और समाज के सामने रख सकते हैं। हालांकि, कभी‑कभी संगठन को विरोधियों से आलोचना भी मिलती है, खासकर जब उसकी रुझान बहुत तेज़ या बायाँ‑दायाँ की ध्रुवीकरण वाली लगती है।

यदि आप अपने कॉलेज में ABVP के समूह से जुड़ना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने प्रोफेसर या कैंपस के छात्र कल्याण कार्यालय से संपर्क करें। आमतौर पर वे आपको नियमित मीटिंग्स, इवेंट्स और वोटिंग प्रक्रियाओं की जानकारी देते हैं। याद रखें, किसी भी संगठन में शामिल होने से पहले उसके नियम‑नियम समझना और अपनी आवाज़ को ज़िम्मेदारी से पेश करना ज़रूरी है।

समाप्ति में, ABVP भारत के छात्रों को राजनीतिक जागरूकता और सामाजिक उत्तरदायित्व की सीख देता है। चाहे आप इसे सहायक मानें या विरोधी, यह स्पष्ट है कि युवा राजनीति में इसका प्रभाव बढ़ रहा है और आगे भी रहेगा।

  • सित॰ 20, 2025

DUSU Election 2025: ABVP ने तीन पद जीते, NSUI को उपाध्यक्ष की कुर्सी

दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव 2025 में ABVP ने तीन अहम पद (अध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव) जीत लिए, जबकि NSUI ने उपाध्यक्ष पद अपने नाम किया। ABVP के आर्यन मान 28,841 वोटों से अध्यक्ष बने, NSUI के राहुल झांसला उपाध्यक्ष बने। वोटिंग लगभग 40% रही और काउंटिंग 19 सितंबर 2025 को सख्त निगरानी में हुई। 2024 में NSUI के पास अध्यक्ष पद था, इस बार समीकरण बदले।

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