दिल्ली में आज साफ आकाश और तापमान का निचला स्तर देखने को मिल रहा है, लेकिन दक्षिण भारत के करोड़ों लोगों के लिए यह समय खतरनाक हो सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 15 अक्टूबर, 2025 को जारी किए गए आधिकारिक अपडेट में दिल्ली के लिए अधिकतम तापमान 31-33°C और न्यूनतम 16-18°C का अनुमान लगाया है — जो सामान्य से 1-2°C कम है। लेकिन यही दिन, तमिलनाडु में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जहां 15-17 अक्टूबर के दौरान बहुत भारी वर्षा की उम्मीद है। यह अंतर बेहद चौंकाने वाला है — एक तरफ राजधानी में धूप और हल्की हवाएं, दूसरी तरफ केरल और तमिलनाडु में बाढ़ का खतरा।
दिल्ली का मौसम: साफ आकाश, लेकिन सामान्य से कम तापमान
दिल्ली में आज सुबह के समय दक्षिण-पश्चिमी हवाएं 6 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही हैं, जो धूल और गंदगी को उड़ाने में मदद कर रही हैं। शहर के अधिकारियों के मुताबिक, आज का अधिकतम तापमान 32°C रहा, जो पिछले दशक के औसत से लगभग 1.5°C कम है। यह ठंडक बारिश के बाद के असर का हिस्सा है — जिसने पिछले हफ्ते शहर में 13 मिमी बारिश की। दिल्ली के लिए अगले दिनों में भी आकाश साफ रहने की संभावना है, लेकिन रात के समय तापमान 17°C तक गिर सकता है, जिससे लोगों को ठंड से सावधान रहने की जरूरत है।
दक्षिण भारत में बारिश का तूफान: तमिलनाडु और केरल पर भारी बोझ
दक्षिण भारत के लिए यह समय एक आपात स्थिति बन गया है। तमिलनाडु में 15-17 अक्टूबर के बीच बहुत भारी बारिश का अनुमान है, जिसके कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बन सकती है। केरल और माहे के लिए 16-17 अक्टूबर को भी इसी तरह की बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा, लक्षद्वीप, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना में भी अलग-अलग समय पर भारी बारिश की संभावना है।
इन क्षेत्रों में बिजली के साथ तूफानी हवाएं 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही हैं, जो छतों को उड़ा सकती हैं और पेड़ों को गिरा सकती हैं। पुडुचेरी और कराईकल में भी अलग-अलग स्थानों पर बारिश जारी है। यह स्थिति ऐसी है कि कई जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और नावों के आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पोस्ट-मानसून बारिश: +27% का अधिक अंतर
IMD के 16 अक्टूबर के अपडेट के अनुसार, अक्टूबर के पहले 15 दिनों में पूरे भारत में पोस्ट-मानसून बारिश का कुल अंतर +27% रहा है। यानी, सामान्य के मुकाबले 27% ज्यादा बारिश हुई है। यह आंकड़ा बेहद अहम है — क्योंकि पिछले तीन सालों में यह अंतर आमतौर पर 0% से 10% के बीच रहा है। दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में 9-12 अक्टूबर के बीच अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश हुई, जबकि रायलसीमा और तेलंगाना में भी अलग-अलग दिनों में भारी बारिश दर्ज की गई।
उत्तर और पूर्वी भारत की स्थिति: अलग तस्वीर
उत्तरी भारत के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य या थोड़ा कम रहने की उम्मीद है। उना (हिमाचल प्रदेश) में न्यूनतम तापमान 13.5°C रिकॉर्ड किया गया, जो इस समय के लिए बहुत ठंडा है। लेकिन दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी भारत में तापमान 1-3°C अधिक रहने की संभावना है। यह अंतर देखकर वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में बारिश के पैटर्न में बड़ा बदलाव आ रहा है।
अगले सप्ताह क्या उम्मीद करें?
IMD के अनुसार, अगले सात दिनों (16-22 अक्टूबर) तक दक्षिणी भारत में बारिश जारी रहेगी। तमिलनाडु और केरल में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। लक्षद्वीप और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में भी 16-19 अक्टूबर तक बारिश जारी रहेगी। इसके बाद, जब तक 25 अक्टूबर नहीं हो जाता, तब तक बारिश का दबाव कम नहीं होगा।
दिल्ली और उत्तरी भारत के लिए अगले सप्ताह भी साफ आकाश की उम्मीद है, लेकिन रात को ठंड बढ़ सकती है। लोगों को बर्फीले दिनों के लिए तैयार रहना चाहिए।
मौसम के बदलाव का विज्ञान: क्यों हो रहा है यह अंतर?
वैज्ञानिकों का मानना है कि बॉयरिंग जेट स्ट्रीम के बदलाव और अरब सागर के जलवायु अवस्थाओं में वृद्धि के कारण दक्षिणी भारत में बारिश का दबाव बढ़ रहा है। इस साल, समुद्री तापमान पिछले सालों के मुकाबले 1.5°C अधिक रहा है, जिससे बादलों का निर्माण तेज हुआ है। यही कारण है कि जबकि उत्तर में बारिश कम हुई, दक्षिण में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।
IMD का कहना है कि यह एक असामान्य घटना नहीं है — बल्कि एक नए ट्रेंड का हिस्सा है। पिछले 10 सालों में, दक्षिण भारत में पोस्ट-मानसून बारिश में 40% की वृद्धि हुई है, जबकि उत्तर में 15% की कमी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
दिल्ली में तापमान कम क्यों है, जबकि दक्षिण में बारिश हो रही है?
दिल्ली में तापमान कम होने का कारण पिछले हफ्ते की बारिश और उत्तरी हवाओं का प्रभाव है। इसके बीच, दक्षिण भारत में अरब सागर के गर्म जल के कारण बादल बन रहे हैं। यह दो अलग जलवायु पैटर्न हैं — एक उत्तरी शीतलता, दूसरा दक्षिणी आर्द्रता।
भारी बारिश के कारण दक्षिण भारत में क्या खतरे हैं?
बाढ़, भूस्खलन, बिजली की आपूर्ति बंद होना और सड़कों का नुकसान सबसे बड़े खतरे हैं। तमिलनाडु और केरल में पिछले तीन सालों में ऐसी बारिश के कारण 120 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। अब भी अनेक गांवों में बिजली और संचार बंद हैं।
IMD के अनुसार अगले 10 दिनों में कहाँ-कहाँ बारिश होगी?
16-22 अक्टूबर के बीच तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और कोंकण में बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी है।
क्या यह बारिश का पैटर्न अब भी जारी रहेगा?
हां। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दो सप्ताह तक दक्षिणी भारत में बारिश जारी रहेगी। यह जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है। पिछले 10 सालों में दक्षिणी भारत में पोस्ट-मानसून बारिश में 40% की वृद्धि हुई है, जबकि उत्तर में 15% की कमी।
मौसम विभाग कैसे इतनी सटीक भविष्यवाणी कर पाता है?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 1875 में स्थापित होकर अब 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 1500 से अधिक मौसम स्टेशन चलाए हैं। वे उपग्रह, रडार और सुपरकंप्यूटर का उपयोग करके डेटा का विश्लेषण करते हैं। इस बार, उन्होंने अरब सागर के जलवायु डेटा को बहुत सटीकता से मॉनिटर किया।
सामान्य नागरिक इस बारिश से कैसे सुरक्षित रह सकते हैं?
राज्य सरकारों ने अलर्ट जारी किए हैं। लोगों को बाढ़ के खतरे वाले क्षेत्रों से दूर रहना चाहिए, नदियों के किनारे नहीं रुकना चाहिए, और बिजली के खंभों के पास नहीं खड़े होना चाहिए। आपातकालीन नंबर 1070 पर संपर्क करना चाहिए। स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें — यह जानलेवा हो सकता है।
टिप्पणि (1)
Vraj Shah
yaar delhi mein thanda toh hai lekin south mein toh bahaar aa gayi hai, kya baat hai ye? ek taraf garmi, dusri taraf bheeg jaana pad raha hai...