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तलाक कहने का मतलब है शादी के बंधन को कानूनी तौर पर खत्म करना। चाहे आप पहली बार सुन रहे हों या पहले से सोच रहे हों, यह जानकारी आपके लिए काम आएगी। तलाक सिर्फ़ कागज़ी प्रक्रिया नहीं, बल्कि भावनात्मक और आर्थिक पहलुओं से जुड़ा होता है।
लोग अलग‑अलग कारणों से तलाक चाहते हैं। सबसे ज्यादा सुनने को मिलते हैं - अनियमित संवाद, धोखा, घरेलू हिंसा, और आर्थिक असमानता। कभी‑कभी रिश्ते में अलग‑अलग लक्ष्य या जीवनशैली की टकराहट भी बड़ी बाधा बनती है। इन कारणों को पहचानना पहला कदम है, क्योंकि यही बताता है कि क्या सुधार संभव है या तलाक ही सिंगल विकल्प है।
भारत में तलाक दो तरह से हो सकता है: सामूहिक (mutual consent) और एकतरफा (contested). सामूहिक तलाक में दोनों पार्टनर सहमत होते हैं और 6 महीने के इंतजार के बाद कोर्ट में आवेदन दे सकते हैं। एकतरफा तलाक में एक पक्ष कोर्ट से कारण बताता है और न्यायालय को निर्णय सुनाता है।
सामान्य कदम ये हैं:
हर केस अलग होता है, इसलिए सही वकील की सलाह लेना ज़रूरी है। कुछ मामलों में मौझूदगी सत्र (mediation) भी मददगार साबित होती है, जिससे समझौता जल्दी होता है।
तलाक के बाद आर्थिक स्थिरता और बच्चों का कल्याण सबसे बड़ा सवाल बन जाता है। अगर आप पिता या माँ, दोनों को अपने बच्चों की देखभाल का अधिकार मिलना चाहिए, तो कोर्ट बाल संरक्षण (custody) तय करता है। साथ‑साथ अलिमोनी (Alimony) और बच्चा सहयोग (child support) भी तय होता है, जो भविष्य में आर्थिक बोझ को कम कर सकता है।
यदि आप चाहते हैं कि खाद्य, शिक्षा और स्वास्थ्य की जरूरतें पूरी रहें, तो कोर्ट के आदेश को समझकर पालन करें। अगर आपको वित्तीय परेशानी लगती है, तो नजदीकी सामाजिक कार्यकर्ता या सरकारी योजना मदद कर सकती है।
तलाक के बाद अकेलेपन या सामाजिक दबाव का सामना करना पड़ेगा, लेकिन यह नई राह भी खोलता है। अपने शौक, करियर या पढ़ाई पर ध्यान दें। मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें – काउंसलिंग या समर्थन समूह (support group) बहुत मददगार होते हैं।
साथ ही, अपने बच्चों के साथ संवाद कायम रखें, उन्हें भरोसा दें कि तलाक उनका कारण नहीं है। खुले दिल से बात करें, और बेहतर भविष्य के लिए कदम बढ़ाएँ।
तलाक के बारे में सही जानकारी पाने के लिए आधिकारिक वेबसाइट, कानूनी हेल्पलाइन और अनुभवी वकीलों से संपर्क करें। मुफ्त कानूनी सहायता केंद्र (Legal Aid) अक्सर मिलने वाले सवालों के जवाब देते हैं।
आपके शहर के महिला केन्द्र या सामाजिक संस्थान भी मानसिक और आर्थिक मदद प्रदान कर सकते हैं। याद रखें, तलाक एक जटिल प्रक्रिया है, पर सही कदम और समर्थन से इसे कम तनावपूर्ण बनाया जा सकता है।
तमिल अभिनेता जयराम रवि और उनकी पत्नी आरती ने 15 साल की शादी के बाद तलाक की घोषणा की। यह जानकारी जयराम रवि ने सोशल मीडिया पर साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि यह फैसला गहन विचार-विमर्श के बाद लिया गया। उनके दो बेटे हैं, आरव और अयान। उन्होंने प्रशंसकों से उनकी निजता का सम्मान करने की अपील की।
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