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हम सब कभी न कभी बीमारी या असहजता का अनुभव कर चुके हैं। अक्सर कारण छोटी‑छोटी आदतें होती हैं, जिन्हें हम अनदेखा कर देते हैं। इस लेख में हम रोज़मर्रा की ऐसी चीज़ें बताएँगे, जो आपके स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकती हैं और कैसे उनका समाधान आसान है। पढ़ते‑जाते ही आप अपनी दिनचर्या को थोड़ा‑सा बदल कर बड़े फायदे पा सकते हैं।
सबसे पहले बात करते हैं उन सामान्य जोखिमों की, जिनसे बचना नहीं चाहिये। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का अधिक इस्तेमाल आँखों पर दबाव डालता है, नींद में खलल डालता है और गर्दन में दर्द पैदा करता है। हर घंटे 5‑10 मिनट का ब्रेक लें, स्क्रीन से दूर हटें और आँखों को रेस्ट दें।
दूसरा बड़ा खतरा है बैठे‑बैठे काम करना। ऑफिस या घर में लगातार एक ही पोज़िशन में रहने से मोटापा, हृदय रोग और कमर दर्द हो सकता है। हर 30‑45 मिनट में खड़े हों, हल्की स्ट्रेचिंग या छोटे‑छोटे चलने‑फिरने के व्यायाम करें। इससे रक्त प्रवाह बेहतर रहता है और ऊर्जा भी बनी रहती है।
तीसरी समस्या है अधिक मिठाई या तले‑भुने खाने की आदत. ये चीज़े वजन बढ़ाने, ब्लड शुगर में उतार‑चढ़ाव और दिल की बीमारियों का कारण बनती हैं। चीनी के बजाय फलों या नट्स का सेवन करें, और अगर भूखा हों तो हरी सब्ज़ियों के साथ प्रोटीन जोड़ें।
अब बात करते हैं कुछ आसान उपायों की, जिन्हें आप तुरंत अपनाकर फायदा उठा सकते हैं। पहला, पानी अधिक पिएँ. रोज़ 2‑3 लीटर पानी पीने से डिटॉक्सिफिकेशन, पाचन और त्वचा साफ़ रहती है। पानी के साथ नींबू या खीरे का स्लाइस डालें, फिर स्वाद भी बेहतर रहेगा।
दूसरा, सही सोने की दिनचर्या बनाएँ। हर दिन एक ही समय पर बिस्तर पर जाएँ और कम से कम 7‑8 घंटे की नींद लें। सोने से पहले स्क्रीन से दूर रहें, गहरी साँसें लें या हल्की पढ़ाई करें। इससे नींद की गुणवत्ता बढ़ेगी और दिन में थकान नहीं रहेगी।
तीसरा, हल्का‑फुल्का व्यायाम रोज़ सुबह या शाम को रखें। तेज़ चलना, साइकिल चलाना या घर पर योगा काफी असरदार होते हैं। अगर समय कम है, तो 10‑15 मिनट की जंपिंग जैक या बैक‑एंड स्क्वाट कर सकते हैं। नियमित व्यायाम से वजन नियंत्रण, रक्तचाप और मूड में सुधार होता है।
अंत में, मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें. तनाव, लता और नकारात्मक सोच कई शारीरिक समस्याओं को बढ़ा देती है। अपनी रुचियों को समय दें, संगीत सुनें या दोस्त‑परिवार से बात करें। अगर जरूरत लगे तो पेशेवर सलाह भी ले सकते हैं।
संक्षेप में, स्वास्थ्य चेतावनी का मतलब सिर्फ बीमारी से बचना नहीं, बल्कि एक ऐसी जीवनशैली अपनाना है जो आपको ऊर्जा, खुशी और लंबा जीवन दे। छोटे‑छोटे बदलावों से बड़ा फर्क पड़ता है, इसलिए आज ही एक कदम उठाएँ और स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ें।
हीना खान ने स्टेज 3 ब्रेस्ट कैंसर के बारे में खुलासा किया। Lovely Professional University की डॉ. मोनिका गुलाटी ने ब्रेस्ट कैंसर के संकेत और निदान के बारे में जानकारी दी। डॉ. सुरभि सिद्धार्था ने स्क्रीनिंग और उपचार के महत्व पर जोर दिया।
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