जगन्नाथ रथ यात्रा – पुरी का सबसे बड़ा रथ उत्सव

क्या आप कभी पूछते हैं कि जगन्नाथ रथ यात्रा क्या है? सरल शब्दों में कहें तो यह एक बड़ा रथ दौड़ है जहाँ भगवान जगन्नाथ के तीन रथ (परिवाह, जेठ, जौहरी) को शहर की सड़कों पर खींचा जाता है। हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक इस आयोजन को देखना चाहते हैं।

इतिहास और मुख्य बातें

जगन्नाथ रथ यात्रा का इतिहास बहुत पुराना है, शताब्दी‑सौ वर्ष पुराना माना जाता है। कहा जाता है कि तीर्थयात्रियों ने 12वीं सदी में ही इस रिवाज को शुरू किया था। रथों को हाथ से खींचने की परंपरा तब से नहीं बदली। रथों को बनाते हैं प्राचीन कला के हिसाब से, सैकड़ों पहिये और लकड़ी के टुकड़ों से।

यात्रा का मार्ग और तिथियां

रथ यात्रा मुख्य रूप से पुरी के चट्टानघटा, महा मंदिर और रथ गली के बीच होती है। यात्रा का समय हर साल चैत महीने (मार्च‑अप्रैल) में पड़ता है, लेकिन सटीक तिथि ग्रीष्मकालन के अनुसार बदलती रहती है। अगर आप योजना बना रहे हैं, तो स्थानीय समाचारों और सरकारी साइट से तारीखें जाँचें।ध्यान रखें, रथ यात्रा के चार चरण होते हैं – द्वितीय रथ, तृतीय रथ, चतुर्थ रथ और पंचम रथ। प्रत्येक चरण में रथ को आगे बढ़ाने के लिए हजारों लोगों को खींचना पड़ता है, इसलिए भीड़ काफी बड़ी होती है।

भ्रमण करने वाले दर्शकों के लिए कुछ आसान टिप्स हैं। सबसे पहले, जल्दी पहुँचें – सुबह 6 बजे से ही भीड़ शुरू हो जाती है। भीड़ में फँसने से बचने के लिए थर्मल कपड़े, पानी और टोपी रखें। अगर आप फोटोग्राफी में रुचि रखते हैं, तो रथ के सामने से नहीं, बल्कि किनारे से शॉट लें ताकि रथ की पूरी सुंदरता captured हो।

पुड़ी की खासियत रथ यात्रा में सिर्फ रथ नहीं, बल्कि संगीत, नृत्य और स्थानीय खाने‑पीने की भी है। यहाँ के प्रसाद, पान और स्थानीय मिठाइयाँ, जैसे रसमलाई और चन्द्रांकित लड्डू, जरूर ट्राय करें। शाम को रथों के पीछे जले हुए दीयों का दृश्य देखते ही मन खुश हो जाता है।

यदि आप पहली बार आए हैं, तो सुरक्षित रहने के लिए थोड़ा सावधानी बरतें। भीड़ में अपना बैग खुला न रखें, और कई बार पुलिस के पोस्टर वाले क्षेत्रों में ही चलें। व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए अपने पास एक छोटा फ़र्स्ट‑ऐड किट रखें।

रथ यात्रा के दौरान कई मंदिरां पर विशेष पूजा होती है। जगन्नाथ मंदिर, सुंदरी मंदिर और बालभद्र द्वीपे का दर्शन करने का मौका मिले तो इसका लुत्फ़ उठाएँ। इन मंदिरों में अक्सर यात्रा के बारे में आध्यात्मिक बातें बताने वाले पंडितों के वार्तालाप भी होते हैं, जिन्हें सुनना दिल को शांति देता है।

यात्रा के बाद अगर आप पुरी की नींद में डुबकी मरना चाहते हैं, तो समुद्र किनारे के सुंदर व्यू को मिस न करें। यहाँ के सागर तट पर सूर्यास्त देखना एक अलग ही अनुभव देता है। आप समुद्र के किनारे छोटे‑छोटे शॉपिंग स्टॉल से स्थानीय शिल्प भी खरीद सकते हैं।

संक्षेप में, जगन्नाथ रथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक महाकाव्य है जहाँ इतिहास, कला और जन‑ऊर्जा एक साथ मिलते हैं। अगर आप इस साल पुरी जा रहे हैं, तो इस लेख में बताए गए टिप्स को याद रखें और रथ यात्रा का पूरा मज़ा लेकर वापस आएँ।

  • जून 27, 2025

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: पुरी में अनोखी परंपरा, मुख्य तिथियां और धार्मिक महत्व

पुरी, ओडिशा में जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 की शुरुआत 27 जून से होगी, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की भव्य रथ यात्रा निकलती है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में प्रमुख उत्सव और धार्मिक रस्में शामिल हैं, जो लाखों भक्तों को आकर्षित करती हैं। समारोह आध्यात्मिक मुक्ति और एकता का संदेश देता है।

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