हिंदू त्योहार: क्या है खास, कब है कौन‑सा

हिंदू कैलेंडर में हर महीने कोई ना कोई त्यौहार मिलता है, पर कुछ ही इतने बड़े होते हैं कि पूरे देश में धूम मचाते हैं। अगर आप भी इन फेस्टिवल्स को समझना चाहते हैं, तो पढ़िए यह छोटा गाइड। इससे आप न केवल तिथियों को याद रख पाएँगे, बल्कि हर उत्सव का मतलब और मनाने का सही तरीका भी जान लेंगे।

2025 के बड़े त्यौहारों की तिथियाँ

2025 में सबसे प्रमुख हिन्दू उत्सव हैं:

  • जगन्नाथ रथ यात्रा – 27 जून से शुरू: पुरी, ओडिशा में नौ दिन तक चलने वाला बड़ा समारोह है। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ शहर के चारों ओर घेरे जाते हैं। लाखों भक्त इस यात्रा में भाग लेते हैं और रथों को धकेलते हैं।
  • दीवाली – 1 नवंबर: रोशनी का त्यौहार, घर-घर में दीप जलाए जाते हैं, मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं और पटाखे फोड़ते हैं।
  • होली – 10 मार्च: रंगों की बौछार, गली‑गली में गाने और मान्यताओं की झलक मिलती है।
  • मकर संक्रांति – 14 जनवरी: खेत‑खलिहान में नई फसल की ख़ुशी में पतंगबाज़ी और तिल‑गुड़ के लड्डू खाते हैं।

इन तिथियों को अपने कैलेंडर में नोट कर रखें, ताकि आख़िरी क्षण में तैयारी न करनी पड़े।

धार्मिक स्थल पर विवाद – क्या है असली कहानी?

कर्नाटक के एक धर्मस्थल में हाल ही में ‘मास बरीअल’ विवाद फिर से उवला है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस और मंदिर प्रबंधन ने सबूत नष्ट करने के आरोप लगते हैं। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए: धार्मिक मामलों में न्याय कैसे सुनिश्चित किया जाए? अगर आप इस तरह की खबरों को फॉलो करते हैं, तो सत्य‑परख कर ही शेयर करें।

ऐसे मामले अक्सर मीडिया में सुर्ख़ियों में आते हैं, पर वास्तविक हल खोजने के लिए आधिकारिक दस्तावेज़, RTI जवाब और कोर्ट के फैसलों को देखना ज़रूरी है।

अब जब आप जान गए कि ‘धर्मस्थल विवाद’ किस पर केंद्रित है, तो सोचिए कैसे हम अपने दैनिक जीवन में इन मुद्दों से बच सकते हैं और शांति से उत्सव मनाते रह सकते हैं।

हर हिन्दू तीर्थयात्रा और उत्सव का अपना विशेष महत्व है। चाहे आप पुरी की रथ यात्रा देख रहे हों या घर में दीवाली की रोशनी लगा रहे हों, इन परम्पराओं को समझना और सही तरीके से मनाना ही सबसे बड़ी खुशी है।

अगर आप किसी बड़े उत्सव में भाग लेना चाहते हैं, तो पहले ऑनलाइन टिकट या स्थानीय एजेंसेज़ से बुकिंग कर लें। अक्सर रथ यात्रा या मेले में भी सीमित जगहें होती हैं, इसलिए जल्द‑से‑जल्द योजना बनाएं।

अंत में, याद रखें कि हिन्दू त्यौहार सिर्फ पूजा‑पाठ नहीं, बल्कि लोगों को जोड़ने, एकजुट करने और खुशियों बाँटने का जरिया हैं। इसलिए इस साल के हर त्यौहार को दिल से जिएँ, अपने आसपास के लोगों को साथ लाएँ और उत्सव की खुशी को दोगुना करें।

  • नव॰ 12, 2024

तुलसी विवाह और देव उठनी एकादशी 2024: शुभ मुहूर्त, महत्व और रस्में

तुलसी विवाह और देव उठनी एकादशी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान विष्णु के चार माह की निद्रा से जागने का प्रतीक है और इसे विवाह और अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए शुभ माना जाता है। देव उठनी एकादशी 2024 में 11 नवंबर की शाम से 12 नवंबर तक मनाई जाएगी। भक्त इस दिन उपवास रखकर भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।

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