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अगर आप सोचते हैं कि एनटीपीसी बस बड़े कोयला पावर प्लांट चलाता है, तो यह धारणा बदल जाती है। पिछले कुछ सालों में कंपनी ने सोलर, विंड, हाइड्रो और बायोमार्केट में बड़े कदम रखे हैं। अब एनटीपीसी के पास सिर्फ कोयला नहीं, बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा में भी बहुत सारे प्रोजेक्ट हैं। यह बदलाव पर्यावरण के लिए अच्छा है और देश की ऊर्जा सुरक्षा भी बढ़ाता है।
सबसे पहले बात करते हैं सोलर प्रोजेक्ट की। एनटीपीसी ने “सूर्यहर्ष” नामक सोलर पार्क शुरू किया, जो 5,000 मेगावॉट से अधिक क्षमता वाला है। इस सौर खेत से लाखों घरों को साफ बिजली मिलती है। साथ ही कंपनी ने कई छोटे‑छोटे सोलर पवन संयंत्र भी स्थापित किए हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में बिजली की पहुंच आसान हुई।
विंड ऊर्जा में भी एनटीपीसी ने ठोस कदम रखे हैं। अक्टूबर 2023 में उन्होंने “वायुपवन” नामक 3,000 मेगावॉट की विंड फार्म का मंचन किया। इस प्रोजेक्ट में आधुनिक टर्बाइन और स्मार्ट ग्रिड तकनीक इस्तेमाल की गई है, जिससे उत्पादन का औसत 45 % तक पहुँच गया। यह भारतीय पश्चिमी तट वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से फायदेमंद साबित हो रहा है।
आगे देखते हुए, एनटीपीसी ने 2030 तक अपनी कुल स्थापित क्षमता का 30 % नवीकरणीय स्रोतों से आने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सालाना लगभग 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना है। इस फंड में सोलर, विंड, हाइड्रो और बायो‑गैस जैसे प्रोजेक्ट शामिल होंगे। कंपनी इस दिशा में कई विदेशी तकनीकी साझेदारों के साथ भी काम कर रही है, जिससे नई तकनीक जल्दी लागू हो सके।
यदि आप एक सामान्य गृहस्थ या छोटा उद्योग चलाते हैं, तो एनटीपीसी की ग्रीन ऊर्जा योजनाओं से सीधे फायदा हो सकता है। बहुत सारे छोटे सोलर इनस्टॉलेशन और विंड टर्बाइन अब लघु व्यवसायों को भी किफायती दर पर बिजली देने के लिए उपलब्ध हैं। आपका बिल कम होगा और साथ ही पर्यावरण को भी मदद मिलेगी।
संक्षेप में, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी सिर्फ एक टैग नहीं, बल्कि भारत के ऊर्जा परिदृश्य में परिवर्तन का संकेत है। कोयले से हटकर सोलर और विंड की ओर बढ़ा कदम देश को स्वच्छ, किफायती और स्थायी ऊर्जा की ओर ले जाता है। इस बदलाव को देखना और उसका समर्थन करना सभी के लिए फायदेमंद रहेगा।
एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का आईपीओ 19 नवंबर को खुलेगा, जिसमें कंपनी वित्तीय समाधान और हरित ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से 10,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, उच्च मूल्यांकन और अस्थिर बाजार की स्थितियों के बावजूद इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम कम रहा है। विशेषज्ञों ने दीर्घकालिक निवेश के लिए इसे 'सब्सक्राइब' करने की सलाह दी है।
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