डिजिटल पैन: ऑनलाइन बनाएं, सुरक्षित रखें और यूज़ करें

आजकल सब कुछ ऑनलाइन हो रहा है, टैक्स का काम भी। डिजिटल पैन यानी आपका PAN कार्ड इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में। इससे कागज़ी PAN के झंझट से बचते हैं और जल्दी में भी काम चल जाता है। इस लेख में हम बताएंगे कि डिजिटल पैन कैसे बनवाएँ, इससे क्या‑क्या फायदा मिलता है और रोज़मर्रा में इसे कैसे यूज़ करें।

डिजिटल पैन बनवाने की पूरी प्रक्रिया

डिजिटल पैन बनवाना कुछ ही मिनटों में हो जाता है, अगर आपके पास नीचे दी गई चीज़ें हैं:

  • आधार कार्ड (Aadhaar) या पासपोर्ट जैसी वैध पहचान।
  • ई‑मेल आईडी और मोबाइल नंबर, जो आयकर पोर्टल पर रजिस्टर हो।
  • ऑनलाइन पेमेंट के लिए डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग।

आयकर पोर्टल (www.incometax.gov.in) पर जाएँ, ‘रजिस्टर’ या ‘न्यू यूज़र’ बटन दबाएँ और अपने मोबाइल नंबर से OTP वेरिफ़ाई करें। फिर ‘डिजिटल पैन के लिए आवेदन’ चुनें, फॉर्म भरें – नाम, DOB, पता, आय आदि। फॉर्म में ‘Aadhaar लिंकिंग’ विकल्प चुनें, जिससे आपका पैन आपके आधार से जुड़ जाएगा। फॉर्म जमा करने के बाद पेमेंट करें (आमतौर पर ₹107)। कुछ ही घंटों में आपका डिजिटल पैन PDF या इ‑मेल में मिल जाता है।

डिजिटल पैन के फायदे और मुख्य उपयोग

डिजिटल पैन रखने से कई काम आसान हो जाते हैं:

  • तेज़ टैक्स फ़ाइलिंग: आयकर रिटर्न में PAN नंबर को सीधे अपलोड करके रिटर्न भरा जा सकता है।
  • सुरक्षित स्टोरेज: कागज़ी कार्ड खो जाने या नुकसान होने की चिंता नहीं। ई‑मेल या मोबाइल में सेव रहता है।
  • बैंकों में आसान प्रक्रिया: खाता खोलते समय या लोन के लिए PAN दिखाना सिर्फ स्क्रीन पर दिखाना पड़ता है।
  • ऑनलाइन लेन‑देन: बड़ी रकम के ट्रांसफ़र, इ‑डेडक्ट या फॉर्म भरते समय PAN का रियल‑टाइम वेरिफ़िकेशन होता है।

ध्यान रखें कि डिजिटल पैन भी वैध दस्तावेज़ है, इसलिए इसे किसी और को न दें और फ़िशिंग ई‑मेल से बचें। अगर आप PAN की प्रतिलिपि प्रिंट करना चाहते हैं, तो PDF फाइल को प्रिंटर से प्रिंट कर सकते हैं, लेकिन मूल कागज़ी कार्ड अनिवार्य नहीं है।

कभी‑कभी लोग “डिजिटल पैन कब तक वैध रहता है?” पूछते हैं। डिजिटल पैन की लाइफ़टाइम वही होती है जो काग़ज़ी PAN की, यानी जब तक आपका PAN वैध है। अगर आपके नाम या पता में बदलाव चाहिए, तो वही ऑनलाइन फॉर्म भरकर अपडेट कर सकते हैं। अपडेटेड डिजिटल पैन फिर से ई‑मेल या पोर्टल पर उपलब्ध हो जाता है।

अंत में, यदि आपको डिजिटल पैन बनाने में कोई समस्या आती है, तो आयकर पोर्टल के हेल्पलाइन या नजदीकी टॅक्स असिस्टेंस सेंटर पर संपर्क कर सकते हैं। अधिकांश प्रश्नों का जवाब पोर्टल पर FAQ सेक्शन में भी मिलता है। एक बार डिजिटल पैन हो जाने के बाद, टैक्स फाइलिंग, बैंकिंग और निवेश सभी काम सुगम हो जाते हैं।

  • नव॰ 26, 2024

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