भारतीय आईटी सेक्टर: आज क्या चल रहा है?

जब हम ‘आईटी’ कहते हैं तो दिमाग में बड़े‑बड़े सॉफ्टवेयर कंपनी, कोडिंग की नौकरियाँ और विदेशों को सेवाएँ देना आता है। भारत ने पिछले कुछ सालों में इस फील्ड में बहुत तेज़ी से कदम रखे हैं। आज लाखों लोग एम्बेडेड सॉफ्टवेयर, क्लाउड या डेटा एनालिटिक्स में काम कर रहे हैं और कंपनियों को भारत से आउटसोर्सिंग का फायदा मिल रहा है।

मुख्य रुझान

सबसे बड़ा ट्रेंड है क्लाउड कंप्यूटिंग। Amazon, Microsoft और Google जैसी कंपनियों ने भारत में डेटा सेंटर लगाए हैं, जिससे क्लाउड सर्विसेज की डिमांड बढ़ी है। इसी की वजह से क्लाउड आर्किटेक्ट और DevOps इंजीनियरों की नौकरियाँ तेज़ी से बढ़ रही हैं। दूसरा बॉल्ट‑ऑन‑रॉप ट्रेंड है AI‑ML। स्टार्ट‑अप से लेकर बड़े एंटरप्राइज़ तक मशीन लर्निंग मॉडल बना रहे हैं, इसलिए डेटा साइंटिस्ट और ML इंजीनियर की कीमत गाढ़ी हो गई है।

साइबर सुरक्षा भी अब ‘फैशन’ नहीं, बल्कि ज़रूरत बन गया है। हर साल बड़े‑बड़े डेटा ब्रिच होते हैं, इसलिए सिक्योरिटी एनालिस्ट, एथिकल हैकर और पेनेट्रेसन टेस्टर की मांग पहले से ज्यादा है। मोबाइल एप्लिकेशन डेवलपमेंट में भी बदलाव आया है—क्लासिक नेटिव ऐप्स की जगह फुल‑स्टैक जावास्क्रिप्ट फ्रेमवर्क जैसे React Native और Flutter लोकप्रिय हो रहे हैं।

भविष्य की संभावनाएँ

डिजिटल इंडिया पहल के साथ सरकारी परियोजनाएँ भी आईटी कंपनियों को धक्का दे रही हैं। ई‑गवर्नेंस, हेल्थकेयर और कृषि में डिजिटल समाधान बनते जा रहे हैं, जिससे छोटे‑छोटे शहरों और गांवों में भी टेक जॉब्स का सृजन हो रहा है। अगले पाँच साल में क्लाउड और AI में 30‑40% नौकरी वृद्धि की उम्मीद है।

बजट में आईटी सेक्टर को अपनाने वाली नई नीतियाँ भी मददगार होंगी। टैक्स में रियायत, स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम को वेंचर फंडिंग और ‘डिजिटल स्किल्स’ के लिए सरकारी ट्रेनिंग प्रोग्राम्स युवा को अपडेटेड रखने में मदद करेंगे। इस बुनियाद पर फ्री‑लांसिंग और रिमोट वर्क की संस्कृति भी भारत में तेजी से फैल रही है।

जॉब मार्केट की बात करें तो टॉप कंपनियों के साथ-साथ छोटे‑छोटे सेवा प्रोवाइडर भी तेजी से बढ़ रहे हैं। रोज़गार पोर्टल और लिंक्डइन पर ‘डेटा इंजीनियर’, ‘क्लाउड सॉल्यूशन आर्किटेक्ट’, ‘शीर्ष AI रिसर्चर’ जैसे पदों के विज्ञापन हर हफ्ते बढ़ते रहते हैं। फ्रीलांस प्लेटफ़ॉर्म पर भी छोटे प्रोजेक्ट्स से शुरू करके बड़े क्लाइंट्स तक पहुँचा जा सकता है।

अगर आप अभी पढ़ रहे हैं या ग्रेजुएशन खत्म कर रहे हैं, तो अपने स्किल सेट को अपडेट करना जरूरी है। ऑनलाइन कोर्स, बूटकैंप और प्रमाणपत्र (जैसे AWS, Google Cloud, Coursera या Udacity) आपको जल्दी से नौकरी दिलाने में मदद कर सकते हैं। साथ ही ओपन‑सोर्स प्रोजेक्ट्स में योगदान देने से आपका पोर्टफ़ोलियो भी मजबूत बनेगा।

आखिर में, भारतीय आईटी सेक्टर अभी भी बढ़ रहा है और दुनिया के कई बड़े टेक हब्स से प्रतिस्पर्धा कर रहा है। सही स्किल्स और अपडेटेड जानकारी के साथ आप इस तेज़ी से बदलते मार्केट में अपना जगह बना सकते हैं। तो अब इंतजार क्या? अपनी तकनीकी रुचियों को पहचानें, सीखें, और इस ज़िद्दी और रोमांचक सेक्टर में कदम रखें।

  • अक्तू॰ 10, 2024

TCS Q2FY25 परिणाम और दूसरे अंतरिम लाभांश घोषणा पर नज़र

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) अपने Q2FY25 वित्तीय परिणाम और दूसरे अंतरिम लाभांश की घोषणा 10 अक्टूबर, 2024 को करेगी। यह घोषणा ऐसे समय में की जा रही है जब आईटी क्षेत्र वैश्विक मैक्रोइकोनॉमिक अनिश्चितताओं और धीमी प्रौद्योगिकी खर्च के चलते चुनौतियों का सामना कर रहा है। निवेशक और विश्लेषक कंपनी की प्रदर्शन की जांच करेंगे।

और देखें