आयकर विभाग की ताज़ा जानकारी और टैक्स टिप्स

आयकर विभाग हर साल लाखों लोगों की टैक्स फाइलिंग और रिफंड प्रक्रिया संभालता है। अक्सर सवाल ये आता है – क्या मैं समय पर रिटर्न फाइल कर रहा हूँ? मेरा रिफंड कब मिलेगा? चलिए, इस पेज पर सबसे ज़रूरी बातें एकदम आसान भाषा में जानते हैं, ताकि आप परेशान न हों।

आयकर रिफंड कैसे ट्रैक करें?

रिफंड का इंतजार करना बोरिंग लग सकता है, पर ऊपर‑नीचे घुमाने की ज़रूरत नहीं। आप बस आयकर पोर्टल (www.incometaxindiaefiling.gov.in) पर लॉगिन करें, ‘फाइल्ड रिटर्न’ सेक्शन में जाओ और ‘रिफंड स्थिति’ देखें। अगर आपने एडवांस पता दिया है, तो SMS या ई‑मेल पर भी नोटिफिकेशन आ जाएगा।

कुछ छोटे‑छोटे ट्रिक्स हैं जो रिफंड को तेज़ बनाते हैं:

  • सही बैंक अकाउंट और IFSC कोड डालें – एक बार गलती हो गई तो रिफंड को रीक्लेम में कई हफ्ते लगते हैं।
  • रिटर्न फाइल करने के बाद वेरिफ़िकेशन जल्दी से जल्दी करें। ऑनलाइन OTP या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म से यह आसान हो जाता है।
  • अगर रिफंड स्टेटस ‘असाइंडेड’ है, तो कम्प्लेंट फॉर्म भर कर पूछताछ कर सकते हैं।

ध्यान रखें, रिफंड के लिए टैक्स रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है, भले ही आपका टैक्स बकाया शून्य हो। पोर्टल पर ‘No Tax Liability’ का टैक्स रिटर्न भी फाइल करें, इससे रिफंड नहीं मिलेगा पर रेकॉर्ड साफ़ रहता है।

टैक्स फाइलिंग के आसान कदम

भले आप पहली बार फाइल कर रहे हों या पिछले साल की तुलना में सुधार करना चाहते हों, नीचे के स्टेप्स फॉलो करो – बस 5‑6 मिनट में पूरा हो जाएगा।

  1. आवश्यक दस्तावेज़ इकट्ठा करें – फ़ॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, निवेश प्रमाणपत्र (PF, PPF, ELSS), घर लोन ईडीसी आदि।
  2. आयकर पोर्टल पर रजिस्टर या लॉगिन करें. अगर नई अकाउंट है तो मोबाइल नम्बर और ई‑मेल से रजिस्टर कर लो।
  3. आईटी रिटर्न फॉर्म चुनें – सैलरी पेंशन वाले लोग ITR‑1 (S) इस्तेमाल करते हैं; फ्रीलांस या प्रॉपर्टी इन्कम वाले ITR‑3/4 चुनें।
  4. ऑनलाइन विवरण भरें – आय, कटौतियां, टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) आदि को क्रमवार भरें। पोर्टल में ‘Auto Fill’ ऑप्शन भी है जो पिछले साल के डेटा को लाता है।
  5. टैक्स बचत के लिए छूट और डिडक्शन लगाएँ – धारा 80C, 80D, 80G आदि के हिसाब से सही गिनती करो। हर साल 1.5 लाख तक 80C का फायदा मिलता है, तो PF, LIC, ट्यूशन फीस को जरूर गिनो।
  6. वेरिफ़िकेशन करो – OTP, डिजिटल सिग्नेचर या EVC के जरिए रिटर्न को वेरिफ़ाई कर दो। बिना वेरिफ़िकेशन के रिटर्न नहीं माना जाता।

अगर आप फॉर्मेट या गणना में फंसे हैं, तो पोर्टल का ‘चेक‑टैक्स’ टूल इस्तेमाल कर सकते हैं। यह खुद‑ब-खुद गलती पकड़ लेता है और सही राशि दिखाता है।

एक बात और – रिटर्न फाइल करने के बाद ‘आकलन नोटिस’ मिल सकता है। इसका मतलब है विभाग ने आपके रिटर्न में कुछ समस्या देखी है, पर पैनिक मत करो। नोटिस में बताई गई डेडलाइन तक इधर‑उधर के दस्तावेज़ अपलोड कर देना चाहिए, फिर मामला सॉल्व हो जाता है।

आखिर में, टैक्स का काम जटिल लग सकता है, पर सही जानकारी और पोर्टल की सुविधाओं को समझ कर आप इसे सादी चीज़ बना सकते हैं। नियमित फाइलिंग, सही बैंक विवरण और समय पर वेरिफ़िकेशन रखो – आपका टैक्स सफ़र आसान रहेगा।

अगर आपके पास कोई खास सवाल है या कोई केस स्टडी चाहिए, तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिख दें। हम दफ्तरी तौर पर आपकी मदद करेंगे!

  • नव॰ 26, 2024

PAN 2.0 परियोजना पर आयकर विभाग के दिशा-निर्देश: नए पैन आवेदन और बदलाव की प्रक्रिया

आयकर विभाग ने PAN 2.0 परियोजना के अंतर्गत नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनमें नए पैन के आवेदन की प्रक्रिया और पुराने पैन में बदलाव की जानकारी शामिल है। मौजूदा पैन कार्ड्स मान्य रहेंगे और अभ्यर्थियों को आधार के माध्यम से आसानी से नई प्रक्रिया के तहत आवेदन करने की सुविधा मिलेगी। डिजिटल पैन (e-PAN) के रूप में पैन 2.0 नई शुरुआत है, जो समय की मांग को देखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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