खोजने के लिए एंटर दबाएँ या बंद करने के लिए ESC दबाएँ
क्या आपको कभी लगता है कि भारत की हर गली में कोई न कोई त्योहार या पूजा चल रही है? यही धर्म और संस्कृति की असली ताकत है। ये दो चीज़ें मिलकर हमारे ख़ास पलों को यादगार बनाती हैं, चाहे घर में छोटे‑छोटे रिवाज़ हों या बड़े सार्वजनिक मेले। इस पेज में हम उन चीज़ों को सरल शब्दों में समझेंगे जो आपके रोज़मर्रा के जीवन से जुड़ी हैं।
भारत में हिन्दू, इस्लाम, सिख, बौद्ध, जैन जैसे कई धर्म साथ‑साथ चलते हैं। हर धर्म की अपनी कथा, अनुष्ठान और त्यौहार होते हैं। उदाहरण के तौर पर, दिवाली को हम प्रकाश का त्यौहार कहते हैं, जबकि ईद रोज़ा रख कर त्यौहार मनाया जाता है। इन कार्यक्रमों में खाना‑पीना, मिलनसार माहौल और संगीत प्रमुख होते हैं। आप अपना दिन इन्हें देखने, भाग लेने या बस सीखने के लिए निकाल सकते हैं – इससे आपके अंदर के आध्यात्मिक पहलू भी जागरूक होते हैं।
धर्म अक्सर संस्कृति को आकार देता है। जैसे रामलीला, गोंजाल या उत्सव में स्थानीय गीत‑नवाने जाते हैं, वैसी ही परम्पराएँ भी बनती हैं। ये चीज़ें हमें अपनी जड़ों से जोड़ती हैं और युवा पीढ़ी को इतिहास से परिचित कराती हैं। हर त्यौहार बिना किसी शर्त के नई बातें सिखाता है – साथ, सहनशीलता, परोपकार या धन्यवाद।
अब बात करते हैं पुरी के जगन्नाथ रथ यात्रा की, जो 27 जून से शुरू होगी। इस साल रथ यात्रा 2025 में तेज़ी से 9 दिन चलने वाले रथ में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा सवार होंगे। नौ दिन लगातार रथ को खींचते हुए भक्तों को आध्यात्मिक शांति और एकता का एहसास दिलाते हैं।
यात्रा में भाग लेने वाले लोग रथ को अपने हाथों से खींचते हैं, गाते‑बजाते हैं, और अक्सर मधुर स्नान करते हैं। इस परंपरा के पीछे का मतलब है ‘सेवा में सुख’ – यानी जब हम दूसरों की मदद करते हैं तो खुद खुश रहते हैं। साथ ही, इस यात्रा में लाखों लोग एक साथ आते हैं, जिससे सामाजिक बंधन भी मज़बूत होते हैं।
अगर आप पहली बार जा रहे हैं, तो थोड़ी तैयारी रखें। सुबह जल्दी उठें, हल्का भोजन करें और पानी की बोतल साथ रखिए। भीड़ में सुरक्षित रहना ज़रूरी है, इसलिए भीड़ नियंत्रण के संकेतों का पालन करें। आपके पास एक छोटा नोटबुक रख कर आप रथ की यात्रा, गाने और माहौल को यादगार बना सकते हैं।
धर्म और संस्कृति सिर्फ कागज पर नहीं, ये हमारे दिलों में बसते हैं। चाहे आपके घर में रोज़मर्रा के छोटे‑छोटे रिवाज़ हों या बड़े सार्वजनिक मेले, इनका असर आपकी ज़िन्दगी के हर पहलू पर पड़ता है। इस पेज पर आप और भी कई त्यौहारों, अनुष्ठानों और संस्कृति की रोचक जानकारी पाएँगे। तो अब देर न करें, पढ़िए, समझिए और अपने रोज़ की जिंदगी में इन्हें अपनाइए।
पुरी, ओडिशा में जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 की शुरुआत 27 जून से होगी, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की भव्य रथ यात्रा निकलती है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में प्रमुख उत्सव और धार्मिक रस्में शामिल हैं, जो लाखों भक्तों को आकर्षित करती हैं। समारोह आध्यात्मिक मुक्ति और एकता का संदेश देता है।
और देखें